Tuesday, January 22, 2019

पिपरपाँती एकम्बा खाता हाट का मेला शुरू होने जारही है आप सभी से अनुरोध आये मेला का आनंद ले..........

पिपरपाँती एकम्बा खाता हाट का मेला शुरू होने जारही है
                                          खाता हाट का झुला का दृश्य
हमारे गावं पिपरपाँती खाता हाट का मेला भी बहुत प्राचीन काल से चला आरहा है| ये मेला साल में एक ही बार आता है जिसे हम बहुत उत्साह से  मनाते है | ये मेला हर साल 15 जनवरी से आरंभ होती है | ये मेला लगभग 15 से 20 दिन तक ये मेला लगी रहती है | हमारे खाता हाट का मेला हमारे लिए खुशियाँ और खाता हाट के दुकानदार भी ये मेला का इंतज़ार करते है | इस मेले में तरह तरह का झुला और देखने के लिए चित्रहार और बहुत सरे खेल का आयोजित किया जाता है | बच्चे अपने ख़ाहिश को पूरा करने मेला में आते है और बहुत सारी सामान लेते है और ख़ुशी ख़ुशी अपने घर चले जाते है मेला में खास बात ये होती है कि यहाँ तरह तरह के लोग आते है और हर तरह के लोग मिलते है जिससे आप सभी के आनंद दू गुने हो जाते है यहाँ पर हर तरह के सुविधा रखी गयी है आप अपने साइकिल या मोटर साइकिल रखने का भी इंतज़ाम किया गया है जिससे आप अपनी समान रख सकते है और मेले का भरपूर आनंद ले सकते है | खाता हाट के मेले में आपको सभी हर तरह समाग्री मिल सकता है आये और मेले का आनंद ले मेला में किया किया होता है इस के बारे में बहुत सारी और भी जानकारी निचे लिखी हुवी है |

                                          मेला का दृश्य
भारत में मेलों का प्रमुख स्थान है भारतीय मेले उत्साह और मनोरंजन के लिए जाने जाते है. भारत के किसी भी शहर या गांव में जब भी मेले का आयोजन किया जाता है तो वह किसी न किसी कारण से किया जाता है. कुछ मेले किसी धर्म के देवी देवताओं से जुड़े हुए होते है तो कुछ देश के बड़े त्योहारों पर आयोजित होते है.
आजकल शहरों में लोगों के मनोरंजन के लिए कुछ मेले ऐसे भी आयोजित करती हो जाते है जिससे शहर के लोग अपनी चिंता भरी जिंदगी से चिंता मुक्त होकर मनोरंजन कर सकें. बहुत से मेले का आयोजन होता है उनमें से कुछ प्रमुख मिले इस प्रकार हैं खाता हाट एकम्बा जलालगढ़ पूर्णियाँ का मेला कुंभ का मेला, पुष्कर का मेला, सावन मेला, सोनपुर का मेला, हेमिस गोंपा मेला आदि है.
भारत में तरह-तरह के मेलों का आयोजन किया जाता है जिसमें पशु मेला, विज्ञान मेला, पुस्तक मेला, बाल मेला, कृषि मेला, मनोरंजन के लिए मेला, घरेलू सामान का मेला, किसी धर्म या देवी देवताओं से जुड़ा हुआ मेला और आजकल तो वाहनों का मेला भी लगने लगा है.

भारत में मेलों का आयोजन पुराने जमाने से ही किया जाता रहा है इसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि इस दिन लोग आपस में मिलजुल सकते हैं और अपने जीवन की समस्याओं को भूलाते हुए जीवन का आनंद ले सकते है |




    
हमारे गांव में भी हर साल दो से तीन मेलों का आयोजन होता है इसमें प्रमुख रुप से हमारे लोक देवता रामदेव जी का मेला लगता है. इस मेले का आयोजन बहुत ही बड़े मैदान में किया जाता है क्योंकि यह मेला करीब 10 दिनों तक चलता है जिसके कारण इसमें आसपास के शहरों और गांवों के लोग भी इस मेले को देखने आते है.
मैं और मेरे मित्र मेले वाले दिन सुबह ही मेले में नए कपड़े पहन कर और तैयार होकर मेले में पहुंच गए. यहां पर मेरे कुछ दोस्तों ने मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पानी पिलाने की व्यवस्था की थी वहां पर जाकर हमने शाम तक श्रद्धालुओं को पानी पिलाया और शाम होने पर हम मेले में घूमने के लिए निकल पड़े.
मेले में बहुत भीड़ भाड़ थी और संध्या का समय होने के कारण अधिक लोग मेले में आ रहे थे इसलिए वहां पर धक्का-मुक्की बहुत बढ़ गई थी. हमने सबसे पहले मेले में जाकर हमारे लोक देवता रामदेव जी के दर्शन किए और फिर मेला घूमने के लिए निकल पड़े.
मेले में चारों चारों तरफ दुकानदार चिल्ला-चिल्लाकर लोगों को अपना सामान खरीदने के लिए लुभा रहे थे. कुछ लोग बड़े झूले पर झूल रहे थे जैसे ही झूला ऊपर जाता हूं लोग जोर-जोर से चिल्ला रहे थे और हंसी खुशी झूले का आनंद ले रहे थे.
बच्चों के लिए घोड़े वाले, मछली वाले और साधारण चकरी वाले झूले लगे हुए थे जिन पर बच्चे झूलकर बड़े खुश हो रहे थे. झूलो को देखकर हमारा मन में झूला झूलने को करने लगा इसलिए हमने भी बड़े वाले झूले की टिकट ली और झूले में बैठ गए झूला जैसे ही ऊपर जाता हमें बहुत अच्छा लगता लेकिन जैसे ही गांव नीचे की ओर आता हूं तो डर भी लगता लेकिन झूला झूलकर बहुत आनंद आया.
मेले में बहुत ही स्वादिष्ट व्यंजनों की खुशबू हमारा मन ललचा रही थी. हम भी मेले का आनंद लेते हुए चाट की दुकान पर पहुंचे और बहुत से स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद उठाया. इनमें मुझे सबसे स्वादिष्ट समोसे और कचोरी लगी. इसके बाद हमने कुछ गोलगप्पे खाए और रंग बिरंगी आइसक्रीम खाकर बहुत मजा किया.
मेले में एक तरफ सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे थे उनका भी हमने खूब उत्साह से आनंद उठाएं. इसके बाद मेले में एक तरफ पहलवानों की कुश्ती चल रही थी जिसमें एक पहलवान सभी पहलवानों को मात दे रहा था और आखिरकार वह जीत गया उसे जीतने पर 5100 रुपए का इनाम मिला. हमें भी कुश्ती देखकर एक अलग सा जोश आ गया.
मेले में एक तरफ प्रदर्शनी लगी हुई थी जहां पर कल ही लोग जा रहे थे लेकिन हमने प्रदर्शनिया जाकर देखी वहां पर अलग-अलग विषयों प्रदूषण, जल बचाओ, स्वच्छता अभियान आदि पर प्रदर्शनियां लगी हुई थी जो कि बहुत ही रोचक ढंग से सजी हुई थी.
संध्या के समय होने के कारण मेले में अधिक भीड़ हो गई थी इसलिए स्कूल के NCC के विद्यार्थी व्यवस्था संभालने में लगे हुए थे और अगर कहीं किसी का झगड़ा हो रहा होता तो वहां पर पुलिस भी व्यवस्था संभालने के लिए लगी हुई थी.
मेले में शाम को रंग बिरंगी लाइट जला दी गई थी जिसके कारण यह दृश्य बहुत ही मनोरम लग रहा था. हम मेले में आगे बढ़ रहे थे तभी हमें बहुत से खिलौनों की दुकान दिखाई दी वहां से मैंने अपने छोटे भाई बहनों के लिए कुछ गुब्बारे और कुछ खिलौने खरीदे.
आगे जाने पर एक जादूगर अपना जादू का खेल दिखा रहा था वह कभी फूल से कबूतर बनाता तो कबूतर से खरगोश हमें यह देख कर बहुत अच्छा लगा और हमने उत्साह से जादूगर का मनोबल बढ़ाते हुए तालियां बजाई. जादूगर ने भी खुश होते हुए हमें एक और जादू का खेल फ्री में दिखाया.
कुछ और आगे बढ़ने पर मेले में घरेलू सामान की दुकानें लगी हुई थी मैंने वहां से मां के लिए एक चिमटा और कुछ बर्तन खरीदें. शाम को लोग मेले में नाचते गाते हुए आ रहे थे और लोक देवता रामदेव जी के दर्शन कर रहे थे. मेले में बहुत देर घूमने के कारण हम बहुत थक गए थे इसलिए हम वहां एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठ गए और सुस्ताने लगे.
कुछ देर बाद हम मेले का एक राउंड और लगाने निकले तो हमने देखा कि खिलौने वाले दुकानदार रंग-बिरंगी लाइटों वाले खिलौने बेच रहे थे कुछ खिलौनों तो लाइट की चमक के साथ आसमान की ओर जाते हैं और फिर नीचे घूमते हुए आते हैं यह देख हमें बहुत ही अच्छा लगा और हम सब ने एक-एक लाइट वाला खिलौना खरीद लिया.
धीरे-धीरे अब रात होने लगी थी और मेले में भीड़ भी कम होने लगी थी हम भी बहुत थक गए थे इसलिए हमने मेले से घर जाने का निश्चय किया और कुछ समय बाद हम घर पहुंच गए मैंने अपने भाई-बहनों को उनके खिलौने दिए और मां को मेले के बारे में बड़े उत्साह से बताया. ऐसा मेला मैंने कभी नहीं देखा था यह मेला सदा के लिए मेरी यादों में बस गया है

                                                      News Editor
                                                  Md Waquar Ali Ansari
                                                 Mobile No: 9661756487
                                                Email-Id: waquar487@gmail.com

Teacher Login NIOS Registration/Payment Receipt Print out

*👉Teacher Login NIOS Registration/Payment Receipt Print out*
              👇👇👇
http://dled.nios.ac.in/Teacher/Receipt.aspx?ReferenceNo=D100903982
*🍃जो 👆👆👆भी शिक्षक एन.आई.ओ.एस पंजीकरण के वक़्त अपना रजिस्ट्रेशन फॉर्म का प्रिंट-आउट प्राप्त नही कर पाये थे, या जिनका खो गया है, वो इस लिंक को कॉपी कर किसी ब्राउज़र में पेस्ट करे तथा रिफरेन्स नंबर को एडिट करके अपना रिफरेन्स नंबर डालिये फिर सर्च करने के बाद आप अपना रजिस्ट्रेशन फॉर्म का प्रिंट-आउट प्राप्त कर सकते हैं।🍃*
http://dled.nios.ac.in/Teacher/Receipt.aspx?ReferenceNo=D100903982
*👉To Know your allotted STUDY CENTRE.*
           👇👇👇
http://dled.nios.ac.in/AttendanceLogin/StudentDetails.aspx
*👉PCP Schedule*
          👇👇👇
http://dled.nios.ac.in/studycentre.html

*👉"I-Card" Click to fill the details.*
             👇👇👇
 http://dled.nios.ac.in/ICardGeneration.aspx

*👉Provide the details of DD Dish TV for SWAYAMPRABHA Channel.*
           👇👇👇
http://dled.nios.ac.in/regional/DDDishTv.aspx

*👉State wise Study Centre.*
           👇👇👇
http://dled.nios.ac.in/AttendanceLogin/StateDTWiseStudyCenter.aspx

*👉State wise Registration details.*
          👇👇👇
http://dled.nios.ac.in/regional/ReportOfState.aspx

*👉NIOS D.EL.ED PCP Login page.*
            👇👇👇
http://dled.nios.ac.in/AttendanceLogin/AttendanceLogin.aspx

*👉NIOS D.EL.ED -*
*TEACHER LOGIN Page.*
           👇👇👇
http://dled.nios.ac.in/teacherlogin.aspx

*👉 Screen Shorts aren't  allowed in this Group*

*👉 Extremely Prohibited! Types of Wishesh, Jokes, Religious, Political, Social, Teacher- Related irrelevant & Unnecessary... Posts aren't allowed in this group.*

*👉Please, Don't Compelled! Otherwise you'll be removed From this group, without any further information for this i'm sorry!....*

*👉Kindly requested you to all Please Co-operate & Follow the Group's Rule.*

*👉If you aren't interested from this group you may EXIT happily .......*
             
           *Thanks!*
      *Md Waquar Ali Ansari*
*An NIOS Mentor*
*Mob:-9661756487*
waquar487@gmail.com

🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀

99% लोग नहीं जानते है बायीं ओर करवट लेकर सोने से जुड़ी ये सच्चाई, आप जरूर जान लें

एक स्वस्थ शरीर के लिए रोजाना कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी होता है लेकिन क्या आप जानते हैं स्वस्थ शरीर के लिए हमेशा सही करवट में सोना भी बहुत जरूरी होता है वरना इससे आपके शरीर को नुकसान भी हो सकता है। सबसे पहले ऊपर दिए हुए पीले रंग के फॉलो के बटन पर एक बार क्लिक जरूर करें ताकि आपको ऐसी जानकारी प्राप्त होती रहे।

स्वस्थ शरीर के लिए हमें हमेशा बायीं करवट लेकर सोना ही सबसे अच्छा माना जाता है। इसलिए, आज की पोस्ट में हम आपको बायों करवट लेकर सोने से होने वाले जबरदस्त फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।
बायीं ओर करवट लेकर सोना स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत ही अच्छा माना जाता है, इससे आपके दिल पर अधिक दबाव नहीं पड़ता है और आपका दिल बेहतर तरीके से कार्य कर पाता है।
बायीं ओर करवट लेकर सोने से शरीर के विभिन्न अंगों और दिमाग तक रक्त के साथ ऑक्सीजन का प्रवाह ठीक तरीके से होता है, जिससे आपके दिमाग पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

अगर आप पाचन संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं तो आपको हमेशा बायीं करवट लेकर ही सोना चाहिए। बायीं ओर करवट लेकर सोने पर गुरुत्वाकर्षण की वजह से भोजन आसानी से छोटी आंत से बड़ी आंत में चला जाता है, जिस वजह से सुबह पेट आसानी से साफ़ हो जाता है और आप पूरे दिन तरोताजा महसूस करते हैं।

अगर आप बायीं ओर करवट लेकर सोने के बारे में या या इसके अलावा अन्य किसी समस्या के बारे में पूछना चाहते है तो आप फॉलो के बटन पर क्लिक करके अपनी समस्या हमें बता सकते हैं, हम शीघ्र-अतिशीघ्र आपके उस समस्या का जवाब देने की कोशिश करेंगे।

अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई तो इस पोस्ट को लाइक और शेयर जरूर करें। अगर आपको यह जानकारी पसंद नहीं आई तो आप नीचे कमेंट करके हमें बता सकते हैं,आपके हर विचारों का हम स्वागत करते हैं, धन्यवाद।

Sunday, January 20, 2019

10वीं पास के लिए रेलवे में 798 वैकेंसी, सैलरी 21 हजार रुपए।

10वीं पास के लिए रेलवे में 798 वैकेंसी, सैलरी 21 हजार रुपए।
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) ने 798 पदों पर भर्तियां निकाली हैं जो कि कॉन्स्टेबल पदों पर हो रही है। इसके लिए पुरुष और महिला दोनों कैंडिडेट्स अप्लाई कर पाएंगे। 1 जनवरी से आवेदन भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आवेदन की अंतिम तिथि 30 जनवरी, 2019 है।
पदों की संख्या
798
पद की नाम

कॉन्स्टेबल
शैक्षणिक योग्यता

किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास हो।
आयु सीमा

18-25 साल
चयन प्रक्रिया

लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट, मेडिकल टेस्ट, डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन के आधार पर।
सैलरी

21,700 रुपए प्रतिमाह
ऐसे करें अप्लाई
भारतीय रेलवे की ऑफिशियल वेबसाइट www.indianrailways.gov.in पर जाकर 30 जनवरी तक अप्लाई करें।
मेरे सभी तरह का वीडियोस देखने के लिए इस पर क्लिक करे।     https://www.hellovideos3.com/ch/UCUqwSCvosyMsAwuUdOmD5Rg/md-waquar-ali-ansari

Saturday, August 18, 2018

रक्षा बंधन 26 अगस्त 2018 यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और गहरा करने वाला पर्व है।

यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और गहरा करने वाला पर्व है। एक ओर जहां भाई-बहन के प्रति अपने दायित्व निभाने का वचन बहन को देता है, तो दूसरी ओर बहन भी भाई की लंबी उम्र के लिये उपवास रखती है।

अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिये हर बहन रक्षा बंधन के दिन का इंतजार करती है। श्रावण मास की पूर्णिमा को यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने के पिछे कहानियां हैं। यदि इसकी शुरुआत के बारे में देखें तो यह भाई-बहन का त्यौहार नहीं बल्कि विजय प्राप्ति के किया गया रक्षा बंधन है। भविष्य पुराण के अनुसार जो कथा मिलती है वह इस प्रकार है...

बहुत समय पहले की बाद है देवताओं और असुरों में युद्ध छिड़ा हुआ था लगातार 12 साल तक युद्ध चलता रहा और अंतत: असुरों ने देवताओं पर विजय प्राप्त कर देवराज इंद्र के सिंहासन सहित तीनों लोकों को जीत लिया। इसके बाद इंद्र देवताओं के गुरु, ग्रह बृहस्पति के पास के गये और सलाह मांगी। बृहस्पति ने इन्हें मंत्रोच्चारण के साथ रक्षा विधान करने को कहा। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन गुरू बृहस्पति ने रक्षा विधान संस्कार आरंभ किया। इस रक्षा विधान के दौरान मंत्रोच्चारण से रक्षा पोटली को मजबूत किया गया। पूजा के बाद इस पोटली को देवराज इंद्र की पत्नी शचि जिन्हें इंद्राणी भी कहा जाता है ने इस रक्षा पोटली के देवराज इंद्र के दाहिने हाथ पर बांधा। इसकी ताकत से ही देवराज इंद्र असुरों को हराने और अपना खोया राज्य वापस पाने में कामयाब हुए।

वर्तमान में यह त्यौहार बहन-भाई के प्यार का पर्याय बन चुका है, कहा जा सकता है कि यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और गहरा करने वाला पर्व है। एक ओर जहां भाई-बहन के प्रति अपने दायित्व निभाने का वचन बहन को देता है, तो दूसरी ओर बहन भी भाई की लंबी उम्र के लिये उपवास रखती है। इस दिन भाई की कलाई पर जो राखी बहन बांधती है वह सिर्फ रेशम की डोर या धागा मात्र नहीं होती बल्कि वह बहन-भाई के अटूट और पवित्र प्रेम का बंधन और रक्षा पोटली जैसी शक्ति भी उस साधारण से नजर आने वाले धागे में निहित होती है।

जानिये, कब है रक्षाबंधन, क्या है राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. रक्षाबंधन के ठीक सात दिन बाद अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है.  रक्षाबंधन का त्योहार राखी के नाम से भी प्रचलित है. हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक रक्षाबंधन इस बार 26 अगस्त 2018 को मनाया जाएगा.

रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन का पर्व है. बहन भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती है और उसके लंबे उम्र की कामना करती है. भाई अपनी बहन को वचन देता है कि वह ताउम्र उसकी रक्षा करेगा. इस पर्व की सबसे खास बात यह है कि इसे सिर्फ हिन्दू ही नहीं, बल्कि अन्य धर्म के लोग जैसे कि सिख, जैन और ईसाई भी हर्षोल्लास के साथ इसे मनाते हैं.

इस बार रक्षाबंधन का पर्व 26 अगस्त को सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाएगा. इस बार 26 अगस्त रविवार है. साल 2017 में रक्षाबंधन 7 अगस्त को था. लेकिन 7 अगस्त को चंद्रग्रहण भी था. ग्रहण लगने के कारण राखी मनाने का समय 3 घंटे से भी कम था. इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्रा सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो जाएगी. इसलिए लोगों के पास रक्षाबंधन का त्योहार मनाने का भरपूर समय होगा. सावन माह की पूर्णिमा तिथि 25th अगस्त 2018, शनिवार को शाम 03:16 से शुरू हो जाएगी. जिसका समापन 26th अगस्त 2018, रविवार को शाम 05:25 पर होगा.

रक्षाबंधन 2018 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त : सुबह 05:59 से शाम 17:25 तक.
मुहूर्त की अवधि : 11 घंटे 26 मिनट
रक्षाबंधन में अपराह्न मुहूर्त : 13:39 से 16:12 तक
मुहूर्त की अवधि : 02 घंटे 33 मिनट

जानें क्यों मनाया जाता है राखी का पर्व, क्या है महत्व

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रमुख त्योहारों में राखी का खास महत्व है. भाई-बहनों का यह त्योहार हर साल हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस बार पूर्णिमा तिथि 25 अगस्त से ही शुरू हो जाएगी. लेकिन रक्षाबंधन का पर्व उदया तिथि में मनाया जाएगा. इसलिए, साल 2018 में यह पर्व 26 अगस्त को मनेगा. पिछली बार ग्रहण औ सूतक के कारण रक्षाबंधन मनाने का शुभ मुहूर्त तीन घंटे से भी कम था. लेकिन इस बार त्योहार मनाने के लिए भाई बहनों को 11 घंटे से ज्यादा वक्त मिलेगा.
राखी के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं और भाई बहनों को उपहार देते हैं और हमेशा उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं. रक्षाबंधन का त्योहार तो आप हर साल मनाते हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि इसे क्यों मनाया जाता है और इसका महत्व क्या है.

प्रकृति को सर्वप्रथम बांधी जाती है राखी:

हालांकि यह प्रचलित है, लेकिन अधिकांश को यह बात शायद पता ना हो कि भाई को रक्षासूत्र बांधने से पहले बहनें तुलसी और नीम के वृक्ष को राखी बांधती हैं. ऐसा करके दरअसल, बहनेंं संपूर्ण प्रकृति की रक्षा का वचन लेती हैं. राखी वास्तव में हर उस शख्स को बांधी जा सकती है, जो आपकी रक्षा का वादा करता है. चाहे वह पिता हो या भाई. दोस्त हो या ऑफिस में काम करने वाला कोई सहयोगी.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार:
रक्षाबंधन क्यों मनाई जाती है और इसकी शुरुआत किसने और कब की, इस पर कई कहानियां हैं. उसमें कुछ प्रचलित हम आपको यहां बता रहे हैं. 

भगवान इंद्र को रक्षाबंधन से मिली थी जीत

भविष्यपुराण में ऐसा कहा गया है कि देवाताओं और दैत्यों के बीच एक बार युद्ध छिड़ गया. बलि नाम के असुर ने भगवान इंद्र को हरा दिया और अमरावती पर अपना अधिकार जमा लिया.
तब इंद्र की पत्नी सची मदद का आग्रह लेकर भगवान विष्णु के पास पहुंची. भगवान विष्णु ने सची को सूती धागे से एक हाथ में पहने जाने वाला वयल बना कर दिया. भगवान विष्णु ने सची से कहा कि इसे इंद्र की कलाई में बांध देना. सची ने ऐसा ही किया. उन्होंने इंद्र की कलाई में वयल बांध दिया और सुरक्षा व सफलता की कामना की. इसके बाद भगवान इंद्र ने बलि को हरा कर अमरावती पर अपना अधिकार कर लिया.

राजा बलि और मां लक्ष्मी की कहानी:

भगवत पुराण और विष्णु पुराण में ऐसा बताया गया है कि बलि नाम के राजा ने भगवान विष्णु से उनके महल में रहने का आग्रह किया. भगवान विष्णु इस आग्रह को मान गए और राजा बलि के साथ रहने लगे. मां लक्ष्मी ने भगवान विष्णु के साथ वैकुण्ठ जाने का निश्चय किया. उन्होंने राजा बलि को रक्षा धागा बांधकर भाई बना लिया. राजा ने लक्ष्मी जी से कहा कि आप मनचाहा उपहार मांगें. इस पर मां लक्ष्मी ने राजा बलि से कहा कि वह भगवान विष्णु को अपने वचन से मुक्त कर दें और भगवान विष्णु को माता के साथ जानें दें. इस पर बलि ने कहा कि मैंने आपको अपनी बहन के रूप में स्वीकार किया है इसलिए आपने जो भी इच्छा व्यक्त की है, उसे मैं जरूर पूरी करूंगा.
राजा बलि ने भगवान विष्णु को अपनी वचन बंधन से मुक्त कर दिया और उन्हें मां लक्ष्मी के साथ जाने दिया.
द्रौपदी ने कृष्ण को बांधी थी राखी:
ऐसी मान्यता है कि महाभारत में द्रौपदी ने भगवान कृष्ण के हाथों में रक्षा सूत्र बांधा था और बदले में कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा करने का वचन दिया था.
कैसा लगा कमेंट बॉक्स में लिखे अछे लगे तो आगे भाई बहन को भेजें 
News Editor
Md Waquar Ali Ansari



Tuesday, August 14, 2018

डीएलएड-बीएलएड परीक्षा का कार्यक्रम घोषित कब से होगी 2nd Sem. का परीक्षा

एनआईओएस (नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ़ ओपन स्कूलिंग) द्वारा आयोजित शिक्षा पात्रता परीक्षा का कार्यक्रम घोषित निचे देखे कब से व्दितीय वर्ष कीकार्यक्रम आरम्भ होने वाली है|
  
डीएलएड-बीएलएड  25 सितंबर से परीक्षा शुरू हो जाएगी | पहले सत्र में एक लाख से अधिक शिक्षक परीक्षा नही दे पाए थे | जिन्हें दुबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा | शिक्षकों को कोर्स पूरा करने के लिए 31 मार्च 2019 तक का समय दिया गया |  कबसे शुरू होगी 2nd sem. की परीक्षा टाइम टेबल देखें |
जितना हो सके शेयर करें लाइक करे.................


Monday, August 13, 2018

OFSS Bihar Merit List 2018: इन वेबसाइट्स पर चेक करें UG ड‍िग्री और इंटर एडम‍िशन की मेर‍िट ल‍िस्‍ट


OFSS Bihar Merit List 2018: अंडरग्रेजुएट ड‍िग्री और इंटरमीड‍िएट कोर्स में एडम‍िशन के लि‍ए ब‍िहार स्‍कूल एग्‍जाम‍िनेशन बोर्ड, BSEB ने ऑनलाइन फैस‍िल‍िटेटर स‍िस्‍टम फॉर स्‍टूडेंट्स(OFSS) वेबसाइट ofssbihar.in पर मेर‍िट ल‍िस्‍ट जारी कर दी है. छात्र इस बात पर ध्‍यान दें क‍ि बीएसईबी ने स‍िर्फ ofssbihar.in पर ही मेर‍िट ल‍िस्‍ट जारी क‍िया है. छात्र इस सूची के अनुसार 16 अगस्‍त तक दाख‍िला ले सकेंगे.
अंडरग्रेजुएट ड‍िग्री कोर्स और इंटरमीड‍िएट कोर्स में दाख‍िले के ल‍िए आवेदन करने वाले छात्र इन न‍िर्देशों को ध्‍यान में रखते हुए ऑनलाइन मेर‍िट ल‍िस्‍ट डाउनलोड कर सकते हैं:

OFSS Bihar Merit List 2018: ऐसे डाउनलोड करें
1 – ऑफ‍िश‍ियल वेबसाइट http://ofssbihar.in पर जाएं.
2 – होमपेज पर द‍िए गए ल‍िंंक ‘Student Login’ पर क्‍ल‍िक करें.
3 – यहां द‍िए गए संबंध‍ित ल‍िंक ‘undergraduate degree and intermediate courses’ पर क्‍ल‍िक करें.
4 – जरूरी व‍िवरण दें, जैसे क‍ि मोबाइल नंबर, पासवर्ड, captcha आद‍ि.
5 – Submit बटन पर क्‍ल‍िक करें.
6 – मेर‍िट ल‍िस्‍ट स्‍क्रीन पर आ जाएगी.
7 – उसे डाउनलोड करें और उसका प्र‍िंटआउट लें.
इंटरमीड‍िएट मेर‍िट ल‍िस्‍ट देखने के लि‍ए यहां क्‍ल‍िक करें. यह डायरेक्‍ट ल‍िंक है:
https://online.ofssbihar.in/studentlogin/studentlogin.aspx


अंडरग्रेजुए कोर्स में दाख‍िले की मेर‍िट ल‍िस्‍ट देखने के लि‍ए इस डायरेक्‍ट ल‍िंक पर क्‍ल‍िक करें
https://online.ofssbihar.in/studentlogin/studentlogin_deg.aspx


बता दें क‍ि इससे पहले बीएसईबी ने ड‍िग्री कॉलेजों में दाख‍िले के लि‍ए एक सूची जारी क‍िया था, ज‍िसे खार‍िज कर द‍िया गया है. इस मेर‍िट ल‍िस्‍ट को पहली ल‍ि‍स्‍ट माना जाएगा. इसके अनुसार ही नये स‍िरे से एडम‍िशन होगा. ज‍िन छात्रों का पहले जारी की गई मेर‍िट लि‍स्‍ट के अनुसार दाख‍िला हुआ था, उन्‍हें दोबारा एडम‍िशन प्रोसेस से गुजरना होगा.
एजुकेशन और करियर की अन्य खबरों को पढ़ने के लिए  https://mixwaquarhelp.blogspot.com पर क्लिक करें |