Saturday, August 18, 2018

रक्षा बंधन 26 अगस्त 2018 यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और गहरा करने वाला पर्व है।

यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और गहरा करने वाला पर्व है। एक ओर जहां भाई-बहन के प्रति अपने दायित्व निभाने का वचन बहन को देता है, तो दूसरी ओर बहन भी भाई की लंबी उम्र के लिये उपवास रखती है।

अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिये हर बहन रक्षा बंधन के दिन का इंतजार करती है। श्रावण मास की पूर्णिमा को यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने के पिछे कहानियां हैं। यदि इसकी शुरुआत के बारे में देखें तो यह भाई-बहन का त्यौहार नहीं बल्कि विजय प्राप्ति के किया गया रक्षा बंधन है। भविष्य पुराण के अनुसार जो कथा मिलती है वह इस प्रकार है...

बहुत समय पहले की बाद है देवताओं और असुरों में युद्ध छिड़ा हुआ था लगातार 12 साल तक युद्ध चलता रहा और अंतत: असुरों ने देवताओं पर विजय प्राप्त कर देवराज इंद्र के सिंहासन सहित तीनों लोकों को जीत लिया। इसके बाद इंद्र देवताओं के गुरु, ग्रह बृहस्पति के पास के गये और सलाह मांगी। बृहस्पति ने इन्हें मंत्रोच्चारण के साथ रक्षा विधान करने को कहा। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन गुरू बृहस्पति ने रक्षा विधान संस्कार आरंभ किया। इस रक्षा विधान के दौरान मंत्रोच्चारण से रक्षा पोटली को मजबूत किया गया। पूजा के बाद इस पोटली को देवराज इंद्र की पत्नी शचि जिन्हें इंद्राणी भी कहा जाता है ने इस रक्षा पोटली के देवराज इंद्र के दाहिने हाथ पर बांधा। इसकी ताकत से ही देवराज इंद्र असुरों को हराने और अपना खोया राज्य वापस पाने में कामयाब हुए।

वर्तमान में यह त्यौहार बहन-भाई के प्यार का पर्याय बन चुका है, कहा जा सकता है कि यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और गहरा करने वाला पर्व है। एक ओर जहां भाई-बहन के प्रति अपने दायित्व निभाने का वचन बहन को देता है, तो दूसरी ओर बहन भी भाई की लंबी उम्र के लिये उपवास रखती है। इस दिन भाई की कलाई पर जो राखी बहन बांधती है वह सिर्फ रेशम की डोर या धागा मात्र नहीं होती बल्कि वह बहन-भाई के अटूट और पवित्र प्रेम का बंधन और रक्षा पोटली जैसी शक्ति भी उस साधारण से नजर आने वाले धागे में निहित होती है।

जानिये, कब है रक्षाबंधन, क्या है राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. रक्षाबंधन के ठीक सात दिन बाद अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है.  रक्षाबंधन का त्योहार राखी के नाम से भी प्रचलित है. हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक रक्षाबंधन इस बार 26 अगस्त 2018 को मनाया जाएगा.

रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन का पर्व है. बहन भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती है और उसके लंबे उम्र की कामना करती है. भाई अपनी बहन को वचन देता है कि वह ताउम्र उसकी रक्षा करेगा. इस पर्व की सबसे खास बात यह है कि इसे सिर्फ हिन्दू ही नहीं, बल्कि अन्य धर्म के लोग जैसे कि सिख, जैन और ईसाई भी हर्षोल्लास के साथ इसे मनाते हैं.

इस बार रक्षाबंधन का पर्व 26 अगस्त को सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाएगा. इस बार 26 अगस्त रविवार है. साल 2017 में रक्षाबंधन 7 अगस्त को था. लेकिन 7 अगस्त को चंद्रग्रहण भी था. ग्रहण लगने के कारण राखी मनाने का समय 3 घंटे से भी कम था. इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्रा सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो जाएगी. इसलिए लोगों के पास रक्षाबंधन का त्योहार मनाने का भरपूर समय होगा. सावन माह की पूर्णिमा तिथि 25th अगस्त 2018, शनिवार को शाम 03:16 से शुरू हो जाएगी. जिसका समापन 26th अगस्त 2018, रविवार को शाम 05:25 पर होगा.

रक्षाबंधन 2018 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त : सुबह 05:59 से शाम 17:25 तक.
मुहूर्त की अवधि : 11 घंटे 26 मिनट
रक्षाबंधन में अपराह्न मुहूर्त : 13:39 से 16:12 तक
मुहूर्त की अवधि : 02 घंटे 33 मिनट

जानें क्यों मनाया जाता है राखी का पर्व, क्या है महत्व

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रमुख त्योहारों में राखी का खास महत्व है. भाई-बहनों का यह त्योहार हर साल हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस बार पूर्णिमा तिथि 25 अगस्त से ही शुरू हो जाएगी. लेकिन रक्षाबंधन का पर्व उदया तिथि में मनाया जाएगा. इसलिए, साल 2018 में यह पर्व 26 अगस्त को मनेगा. पिछली बार ग्रहण औ सूतक के कारण रक्षाबंधन मनाने का शुभ मुहूर्त तीन घंटे से भी कम था. लेकिन इस बार त्योहार मनाने के लिए भाई बहनों को 11 घंटे से ज्यादा वक्त मिलेगा.
राखी के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं और भाई बहनों को उपहार देते हैं और हमेशा उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं. रक्षाबंधन का त्योहार तो आप हर साल मनाते हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि इसे क्यों मनाया जाता है और इसका महत्व क्या है.

प्रकृति को सर्वप्रथम बांधी जाती है राखी:

हालांकि यह प्रचलित है, लेकिन अधिकांश को यह बात शायद पता ना हो कि भाई को रक्षासूत्र बांधने से पहले बहनें तुलसी और नीम के वृक्ष को राखी बांधती हैं. ऐसा करके दरअसल, बहनेंं संपूर्ण प्रकृति की रक्षा का वचन लेती हैं. राखी वास्तव में हर उस शख्स को बांधी जा सकती है, जो आपकी रक्षा का वादा करता है. चाहे वह पिता हो या भाई. दोस्त हो या ऑफिस में काम करने वाला कोई सहयोगी.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार:
रक्षाबंधन क्यों मनाई जाती है और इसकी शुरुआत किसने और कब की, इस पर कई कहानियां हैं. उसमें कुछ प्रचलित हम आपको यहां बता रहे हैं. 

भगवान इंद्र को रक्षाबंधन से मिली थी जीत

भविष्यपुराण में ऐसा कहा गया है कि देवाताओं और दैत्यों के बीच एक बार युद्ध छिड़ गया. बलि नाम के असुर ने भगवान इंद्र को हरा दिया और अमरावती पर अपना अधिकार जमा लिया.
तब इंद्र की पत्नी सची मदद का आग्रह लेकर भगवान विष्णु के पास पहुंची. भगवान विष्णु ने सची को सूती धागे से एक हाथ में पहने जाने वाला वयल बना कर दिया. भगवान विष्णु ने सची से कहा कि इसे इंद्र की कलाई में बांध देना. सची ने ऐसा ही किया. उन्होंने इंद्र की कलाई में वयल बांध दिया और सुरक्षा व सफलता की कामना की. इसके बाद भगवान इंद्र ने बलि को हरा कर अमरावती पर अपना अधिकार कर लिया.

राजा बलि और मां लक्ष्मी की कहानी:

भगवत पुराण और विष्णु पुराण में ऐसा बताया गया है कि बलि नाम के राजा ने भगवान विष्णु से उनके महल में रहने का आग्रह किया. भगवान विष्णु इस आग्रह को मान गए और राजा बलि के साथ रहने लगे. मां लक्ष्मी ने भगवान विष्णु के साथ वैकुण्ठ जाने का निश्चय किया. उन्होंने राजा बलि को रक्षा धागा बांधकर भाई बना लिया. राजा ने लक्ष्मी जी से कहा कि आप मनचाहा उपहार मांगें. इस पर मां लक्ष्मी ने राजा बलि से कहा कि वह भगवान विष्णु को अपने वचन से मुक्त कर दें और भगवान विष्णु को माता के साथ जानें दें. इस पर बलि ने कहा कि मैंने आपको अपनी बहन के रूप में स्वीकार किया है इसलिए आपने जो भी इच्छा व्यक्त की है, उसे मैं जरूर पूरी करूंगा.
राजा बलि ने भगवान विष्णु को अपनी वचन बंधन से मुक्त कर दिया और उन्हें मां लक्ष्मी के साथ जाने दिया.
द्रौपदी ने कृष्ण को बांधी थी राखी:
ऐसी मान्यता है कि महाभारत में द्रौपदी ने भगवान कृष्ण के हाथों में रक्षा सूत्र बांधा था और बदले में कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा करने का वचन दिया था.
कैसा लगा कमेंट बॉक्स में लिखे अछे लगे तो आगे भाई बहन को भेजें 
News Editor
Md Waquar Ali Ansari



Tuesday, August 14, 2018

डीएलएड-बीएलएड परीक्षा का कार्यक्रम घोषित कब से होगी 2nd Sem. का परीक्षा

एनआईओएस (नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ़ ओपन स्कूलिंग) द्वारा आयोजित शिक्षा पात्रता परीक्षा का कार्यक्रम घोषित निचे देखे कब से व्दितीय वर्ष कीकार्यक्रम आरम्भ होने वाली है|
  
डीएलएड-बीएलएड  25 सितंबर से परीक्षा शुरू हो जाएगी | पहले सत्र में एक लाख से अधिक शिक्षक परीक्षा नही दे पाए थे | जिन्हें दुबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा | शिक्षकों को कोर्स पूरा करने के लिए 31 मार्च 2019 तक का समय दिया गया |  कबसे शुरू होगी 2nd sem. की परीक्षा टाइम टेबल देखें |
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Monday, August 13, 2018

OFSS Bihar Merit List 2018: इन वेबसाइट्स पर चेक करें UG ड‍िग्री और इंटर एडम‍िशन की मेर‍िट ल‍िस्‍ट


OFSS Bihar Merit List 2018: अंडरग्रेजुएट ड‍िग्री और इंटरमीड‍िएट कोर्स में एडम‍िशन के लि‍ए ब‍िहार स्‍कूल एग्‍जाम‍िनेशन बोर्ड, BSEB ने ऑनलाइन फैस‍िल‍िटेटर स‍िस्‍टम फॉर स्‍टूडेंट्स(OFSS) वेबसाइट ofssbihar.in पर मेर‍िट ल‍िस्‍ट जारी कर दी है. छात्र इस बात पर ध्‍यान दें क‍ि बीएसईबी ने स‍िर्फ ofssbihar.in पर ही मेर‍िट ल‍िस्‍ट जारी क‍िया है. छात्र इस सूची के अनुसार 16 अगस्‍त तक दाख‍िला ले सकेंगे.
अंडरग्रेजुएट ड‍िग्री कोर्स और इंटरमीड‍िएट कोर्स में दाख‍िले के ल‍िए आवेदन करने वाले छात्र इन न‍िर्देशों को ध्‍यान में रखते हुए ऑनलाइन मेर‍िट ल‍िस्‍ट डाउनलोड कर सकते हैं:

OFSS Bihar Merit List 2018: ऐसे डाउनलोड करें
1 – ऑफ‍िश‍ियल वेबसाइट http://ofssbihar.in पर जाएं.
2 – होमपेज पर द‍िए गए ल‍िंंक ‘Student Login’ पर क्‍ल‍िक करें.
3 – यहां द‍िए गए संबंध‍ित ल‍िंक ‘undergraduate degree and intermediate courses’ पर क्‍ल‍िक करें.
4 – जरूरी व‍िवरण दें, जैसे क‍ि मोबाइल नंबर, पासवर्ड, captcha आद‍ि.
5 – Submit बटन पर क्‍ल‍िक करें.
6 – मेर‍िट ल‍िस्‍ट स्‍क्रीन पर आ जाएगी.
7 – उसे डाउनलोड करें और उसका प्र‍िंटआउट लें.
इंटरमीड‍िएट मेर‍िट ल‍िस्‍ट देखने के लि‍ए यहां क्‍ल‍िक करें. यह डायरेक्‍ट ल‍िंक है:
https://online.ofssbihar.in/studentlogin/studentlogin.aspx


अंडरग्रेजुए कोर्स में दाख‍िले की मेर‍िट ल‍िस्‍ट देखने के लि‍ए इस डायरेक्‍ट ल‍िंक पर क्‍ल‍िक करें
https://online.ofssbihar.in/studentlogin/studentlogin_deg.aspx


बता दें क‍ि इससे पहले बीएसईबी ने ड‍िग्री कॉलेजों में दाख‍िले के लि‍ए एक सूची जारी क‍िया था, ज‍िसे खार‍िज कर द‍िया गया है. इस मेर‍िट ल‍िस्‍ट को पहली ल‍ि‍स्‍ट माना जाएगा. इसके अनुसार ही नये स‍िरे से एडम‍िशन होगा. ज‍िन छात्रों का पहले जारी की गई मेर‍िट लि‍स्‍ट के अनुसार दाख‍िला हुआ था, उन्‍हें दोबारा एडम‍िशन प्रोसेस से गुजरना होगा.
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Saturday, August 11, 2018

6 शहरों के बीच दौड़ेगी बुलेट ट्रेन, जानें शहरों के नाम




न्यूज 24 ब्यूरो, नई दिल्ली ( 10 अगस्त ): मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलने में अभी कुछ साल लगेंगे, लेकिन सरकार ने इस बीच कुछ और शहरों को बुलेट नेटवर्क से जोड़ने की योजना पर काम शुरू किया है। सरकार ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी। सरकार की तरफ से बताया गया कि 6 रूटों को बुलेट चलाने के लिए तय किया गया है और इन पर फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। लोकसभा में सवाल का जवाब देते हुए सरकार ने कहा कि देश के 4 प्रमुख मेट्रो शहरों दिल्ली, चेन्नई, मुंबई और कोलकाता को हीरक चतुर्भुज नेटवर्क के जरिए जोड़ा जाएगा।



इसके अलावा नागपुर और बेंगलुरु को भी इस नेटवर्क में शामिल किया जाएगा। सरकार की ओर से दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता (लखनऊ होते हुए), मुंबई-चेन्नई, दिल्ली-चेन्नई (नागपुर के रास्ते), मुंबई-कोलकाता (नागपुर के रास्ते) और चेन्नई-बेंगलुरु, मैसूर के रूट पर फिजिबिलिटी सर्वे कराया जा रहा है। सरकार इन रूटों पर बुलेट दौड़ाने के लिए फ्रांस, स्पेन, चीन, जापान और जर्मनी से सहायता ले रही है।
ये 6 रूट मुंबई-अहमदाबाद प्रॉजेक्ट से अलग हैं। सरकार का कहना है कि मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन 2022 तक चलने लगेगी। इस प्रॉजेक्ट में जापान की ओर से भारत को मदद की जा रही है। फिलहाल मुंबई से अहमदाबाद के बीच सफर में 7 घंटे का वक्त लगता है, लेकिन बुलेट ट्रेन से यह सफर 2 घंटे में ही पूरा हो सकेगा।
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                                                                                                                     Md Waquar Ali Ansari

Wednesday, August 8, 2018

डीएलएड का रिजल्ट 20 तक, ओएमआर शीट भरने में जो गलती की थी इसी कारण से रिजल्ट देने में देरी हो रही है

डीएलएड का रिजल्ट 20 तक, ओएमआर शीट भरने में गलती ।
08 Aug. 2018 9:40 PM
 
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- एनआइओएस को लाचारी में ओएमआर शीट की करानी पड़ी मैन्यूअल जांच
- कॉपी जांच की प्रक्रिया बदलने से हुई देर, एसएमएस से भी मिलेगी रिजल्ट की जानकारी
जागरण संवाददाता, पटना : राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) डीएलएड प्रथम वर्ष का रिजल्ट 20 अगस्त तक जारी कर देगा। एनआइओएस के अध्यक्ष प्रो. चंद्रभूषण शर्मा ने बताया कि सत्र 2017-19 के पहले वर्ष में लगभग 75 फीसद अभ्यर्थी परीक्षा में सफल हुए हैं। मानव संसाधन विभाग मंत्रालय की विशेष पहल पर एनआइओएस देश के सरकारी और निजी प्रारंभिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए डीएलएड के दो वर्षीय कोर्स संचालित कर रहा है। इसमें शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थी शिक्षक हैं।
अध्यक्ष ने बताया कि अभ्यर्थियों द्वारा ओएमआर शीट ठीक से नहीं भरने के कारण मूल्यांकन कार्य पूरी तरह से कंप्यूटर आधारित नहीं हो सका। लगभग 30 फीसद अभ्यर्थी मानक के अनुसार ओएमआर शीट नहीं भर सके हैं। अंक के स्थान पर शब्द और शब्द के स्थान पर अंक में विवरणी आदि अंकित कर दिए हैं। अभ्यर्थियों के भविष्य को देखते हुए मैन्यूअल मूल्यांकन का निर्णय लिया गया। इस कारण रिजल्ट में देरी हुई है। रिजल्ट की जानकारी सभी अभ्यर्थियों के मोबाइल नंबर पर मैसेज के माध्यम से दी जाएगी। इसके साथ-साथ वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा। सेकेंड ईयर की परीक्षा प्रक्रिया हर हाल में अगले साल 31 मार्च तक पूरा कर लेनी है। केंद्र और संबंधित राज्यों की सरकार को जुलाई तक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की सूची सौंप देनी है।
ब्लेड और व्हाइटनर का भी किया उपयोग

ओएमआर शीट पर एक बार विकल्प भरने के बाद उसे बदलने के लिए कई अभ्यर्थियों ने व्हाइटनर का उपयोग किया है। कई रंगे हुए गोले को ब्लेड से साफ करने का प्रयास किया है। सूत्रों के अनुसार इस तरह की ओएमआर शीट 15000 से अधिक हैं। ओएमआर शीट से छेड़छाड़ करने पर वाले अभ्यर्थियों पर एनआइओएस ने अंतिम निर्णय अभी नहीं लिया है।
12.5 लाख शिक्षकों ने कराया रजिस्ट्रेशन
डीएलएड परीक्षा में शामिल होने के लिए देश भर से 12.5 लाख से अधिक शिक्षक अभ्यर्थियों ने आवेदन दिए थे। इसमें सबसे अधिक बिहार से 2.69 लाख अभ्यर्थी हैं। अध्यक्ष ने बताया कि रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के माध्यम से ही अभ्यर्थियों को सारी जानकारी दी जाएगी। द्वितीय वर्ष की प्रक्रिया रिजल्ट के बाद शुरू हो जाएगी। प्रथम वर्ष में सभी राज्यों ने परीक्षा संचालन में काफी सहयोग दिया है।
बगैर डीएलएड किए नहीं बचेगी नौकरी
मानव संसाधन विभाग मंत्रालय के अनुसार बगैर डीएलएड उत्तीर्ण शिक्षक 2019 से किसी भी सरकारी या निजी स्कूलों में अध्यापन का कार्य नहीं करेंगे। पिछले साल डीएलएड कोर्स से वंचित शिक्षकों के लिए एनआइओएस को विशेष प्रावधान के तहत दो साल में दूरस्थ माध्यम से कोर्स कराने की अनुमति दी गई थी। बगैर डीएलएड की डिग्री के सबसे अधिक 2.69 शिक्षक बिहार में ही आवेदन किए थे।
स्कूलों की जांच के लिए बनेगा छापेमारी दल
एमएचआरडी के अनुसार 31 मार्च, 2019 के बाद किसी भी प्रारंभिक स्कूल में बगैर डीएलएड कोर्स किए शिक्षक नहीं पढ़ाएंगे। इसे सख्ती से पालन कराने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी के नेतृत्व में छापेमारी टीम का गठन किया जाएगा। जिस स्कूल में बगैर प्रशिक्षण शिक्षक होंगे, उसके प्रबंधन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आपका न्यूज एडीटर मोo वकार अली अंसारी फिर से नए अपडेट के साथ मिलेँगे धन्यवाद।।।