Wednesday, June 20, 2018
Friday, June 15, 2018
समय पर हुवी ईद की नमाज़। मदरसा फैज़ुल गुरबा में 8:30 AM बजे हुवी ईद की नमाज़
ईदगाह में नमाज़ के लिए
रमजान का पवित्र महीना खत्म हो गया और चांद दिखते ही पहली शव्वाल को ईद-उल-फितर मनाई गई। फितर अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है फितरा अदा करना। इसे ईद की नमाज पढ़ने से पहले अदा करना होता है। फितरा हर मुसलमान पर वाजिब है और अगर इसे अदा नहीं किया गया, तो फिर ईद नहीं मनाई जा सकती है।
मदरसा फैज़ुल गुरबा के ईदगाह में बहुत ज्यादा भीड़ थी।
और मौसम भी बहुत अच्छा था। समय के अनुसार ईद गह में आये सभी लोग नमाज़ पढ़े और मौलाना साहब के खुतबा भी सही ढंग से सुने। ईदगाह के बाहर बहुत भीड़ थी दुकानों में काफी भीड़ थी सभी बच्चे बूढ़े जवान सब दुकानों में भीड़ लागए तरह-तरह के समान ले रहे हैं।
ईदगाह से बाहर होते हुवे दृश्य
खुतबा सुनते समय
दरअसल ईद एक तोहफा है, जो अल्लाह रब्बुल इज्जत अपने बंदों को महीने भर रोजे रखने के बाद देते हैं। ऐसा मानना है कि ईद का दिन मुसलमानों के लिए इनाम का दिन होता है। यह दिन आसूदगी और आफीयत के साथ गुजारना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा अल्लाह की इबादत करनी चाहिए। क्योंकि साल में एक बार ही ईद की नमाज़ पढ़ी जाती है।
हमारे कुछ दोसतों से मुलाकात हुवी जो बहुत ही खुश हैं।
सभो को ईद मुबारक करते है। दुआ करते है जो गरीब है उन सभो का अल्ला के फ़ाज़लोकरम से ईद अच्छे ही हुंगे।
अकबरी मस्जिद पिपरपाँती में अलविदा की नमाज में उमड़ी रोजेदारों की भीड़। हमारे पिपरपाँती मदरसा के मौलाना सहेब ने ईदगाह में कितने बजे नमाज़ होगी समय बता दिए है देखें समय।
अलविदा की नमाज में उमड़ी रोजेदारों की भीड़
ये दोनों फ़ोटो मदरसा फैज़ुल गुरबा के है।
मदरसा फैज़ुल गुरबा के मौलाना साहब ने एलान कर दिये है कि शनिवार को 8:30 AM बजे मदरसा फैज़ुल गुरबा के ईदगाह में नमाज़ होगी। मौलाना साहब ने ये भी बोले कि गर्मी ज्यादा होने की वजह से ये समय रखा गया है।
रोजेदारों को बहुत परेशानियों का सामना करना परता है।
रोजेदारों को बहुत परेशानियों का सामना करना परता है।
ये भीड़ जमा मस्जिद की है
ये अकबरी मस्जिद है।
खाता हाट जलालगढ़ पूर्णियाँ के मार्किट में
शनिवार को मनाये जाने वाले ईद के त्योहार को लेकर शुक्रवार के साथ ही इत्र, खजूर, रेडीमेड कपड़ों, कपड़ों, फलों आदि के दुकान पर काफी भीड़ देखी गई। ईद मुसलमानों का बड़ा व महत्वपूर्ण त्योहार है जिसकी तैयारियां तो बहुत पहले से ही शुरू हो जाती है पर जो रोजी रोटी की तलाश में बाहर रहते है वे कम से कम ईद पर जरूर घर वापस आते है। वैसे लोग सेवई, बच्चों के लिए रेडीमेड कपड़े, इत्र आदि साथ ही अन्य बाकी रह गये सामानों की अंतिम दिन तक खरीददार करते है जिनकी तैयारियां कपडे़ खरीदने फिर बदलकर लाने, सेवई आदि की होती है। जिसको लेकर शुक्रवार तक खरीददारी का सिलसिला जारी रहा। आज लोगों से बात करने के बाद ये पता चलता है कि आज आखरी रोजा है। शाम को अफ्तार के बाद सभी मुसलमान चाँद को देखने के लिए अपने-अपने छत पर जाएंगे।
में मो0 वकार अली अंसारी इसे जितना हो सके शेयर करे लाइक करे । धन्यवाद
Wednesday, June 13, 2018
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